मेट्रो स्टेशन पर दुकानों का बंद होना और बेरोजगारी की समस्या को लेकर एक चिंता का सामना किया जा रहा है। यह समस्या गंभीर है क्योंकि अब तक के मतदान से स्पष्ट हो रहा है कि मोदी सरकार की लोकप्रियता में कमी आ गई है। इससे लगता है कि जनता के मन में अप्रियता की भावना बढ़ रही है। बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्ति के लिए मामूली छोटा-मोटा काम भी मुश्किल हो रहा है। इससे सामान्य लोगों की जीवनस्तर पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
मोदी जी की प्रधानमंत्री पद की वापसी के लिए संघ और भाजपा को व्यक्तिगत नेतृत्व के अलावा अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी। इस समय, जनता की आंखों में जो चित्र बित्तियों की बुनियाद पर बन रहा है, वह नेताओं को ध्यान में रखना होगा। वहीं, भाजपा और संघ को भी यह देखना होगा कि जनता की आवाज के माध्यम से कौन उनके साथ है और कौन नहीं।
जनता की आवाज को समझने और उसकी समस्याओं का समाधान करने में सरकार को उत्तरदायी बनना होगा। जनता के मन में नए आशाओं को पूरा करने और देश के विकास में सहयोग करने की उम्मीद है। इससे पता चलता है कि देश की कुश्ती का नतीजा अब किसकी हाथ में है। इससे पहले कि चुनाव का चौथा चरण आए, सरकार को जनता के समस्याओं का समाधान करने के लिए कठोरी और तत्परता से काम करना होगा।
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